शनिवार, 10 जनवरी 2015

आलू पराठा (Aloo Paratha)


आलू पराठा (Aloo Paratha) उत्तर भारत विशेषकर पंजाब का अयन्त लोकप्रिय व्यञ्जन है।

आलू पराठा (Aloo Paratha) बनाने का तरीका -

सामग्री - (Ingredients)

गेहूँ आटा - 400 ग्राम (लगभग 4 कप)
घी - 2 छोटी चम्मच, मोयन के लिए
तेल - जितना पराठा सेंकने के लिए पर्याप्त हो
आलू - 6-7 मध्यम आकार के
हरी मिर्च - 2
अदरक - 1 इंच टुक्ड़ा
लाल मिर्च पाउडर - चौथाई छोटी चम्मच
धनिया पाउडर - एक छोटी चम्मच
गरम मसाला - चौथाई छोटी चम्मच
अमचूर पाउडर - चौथाई छोटी चम्मच
हरा धनिया - 2-3 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)
नमक - स्वादानुसार

विधि
  • गेहूँ आटे में 2 छोटी चम्मच घी और चुटकी भर नमक डालकर मिला लें और उचित मात्रा में पानी डालकर नरम आटा गूँथ ले।
  • गुथे आटे को सैट होने के लिये ढककर अलग रख दें।
  • कुकर में आलू और एक गिलास पानी डालकर गैस पर रखें और एक सीटी आने के बाद 1-2 मिनिट धीमी आग पर आलू उबलने दें। गैस बन्द करके कुकर का प्रेशर खतम होने के बाद कुकर से आलू निकाल लें।
  • उबले आलुओं के ठंडा हो जाने पर उन्हे छीलकर अच्छी तरह मैश करें।
  • मैश किये हुए आलू में नमक, हरी मिर्च, लाल मिर्च, अदरक, धनियाँ पाउडर, अमचूर पाउडर, गरम मसाला और हरा धनियाँ डालकर अच्छी तरह से मिला लें तथा इस पिठ्ठी बराबर भागों में बाँट लें।
  • गँथे आटे की लोइयाँ काट लें।
  • प्रत्येक लोई को बेलन की सहायता से बेलें तथा उस पर तेल लगाकर आलू का भाग रख कर चारों तरफ से बंद कर दें।
  • उँगलियों से दबाकर चपटा करें और बेलन की सहायता से हल्का दबाव देते हुये 8-9 इंच के व्यास में बेल लें।
  • गैस पर तवा रखकर, गरम होने पर, तवे पर थोड़ा सा तेल लगायें और बेला हुआ पराठा गरम तवे पर रखकर सेंकें, एक तरफ सिंक जाने पर बिना सिंके भाग में थोड़ा सा तेल लगा कर पलट कर दूसरी तरफ भी सेंकें। दूसरी तरफ से सिकने पर ऊपर की ओर तेल लगाकर फिर से पलट दें। खस्ता सिंक जाने पर पराठा तवे से उतार लें।
  • इसी तरह से सारे पराठे सेक लें।
तैयार हैं आपके आलू पराठे (Aloo Paratha)!

शुक्रवार, 9 जनवरी 2015

टमाटर मिरची की स्वादिष्ट चटनी (Tomato Chilli Chutney)


टमाटर मिरची की स्वादिष्ट चटनी (Tomato Chilli Chutney) किसी भी मुख्य खाने को और भी स्वादिष्ट बना देती है।

सामग्री - (Ingredients)

टमाटर – 4 बड़े आकार के (बारीक टुकड़ों में कटा हुआ)
हरी मिर्च – 4 (बीच से चिरे हुए)
लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
जीरा – 1 चुटकी
अदरक लहसुन पेस्ट – 1/2 चम्मच
हल्दी पाउडर – 1/8 चम्मच
पानी – आधा कप
नमक – स्वादानुसार
तेल – 1 चम्मच

विधि
  • पैन में तेल गरम करके जीरा तड़कायें।
  • अदरक लहसुन पेस्ट डालकर अच्छी तरह से भूनें।
  • टमाटर और मिर्ची डालकर तब तक पकायें जब तक कि टमाटर गल ना जाये।
  • लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक पानी डालकर मध्यम आँच में पकायें।
  • पानी के सूख जाने पर जब तेल छूटने लगे तो आँच से उतार लें।
  • लीजिए तैयार है आपकी टमाटर मिरची की स्वादिष्ट चटनी (Tomato Chilli Chutney)!

बुधवार, 7 जनवरी 2015

भरवां भटे की सब्जी (Stuffed Brinjal Curry)


भरवां भटे की सब्जी (Stuffed Brinjal Curry) एक अत्यन्त स्वादिष्ट सब्जी होती है जिसे प्रायः सभी लोग पसन्द करते हैं।

भरवां भटे की सब्जी (Stuffed Brinjal Curry) बनाने का तरीका -

सामग्री - (Ingredients)

भटे - 10-12
प्याज - 2 मध्यम आकार के (बारीक कटा हुआ)
मूंगफली - 1/2 कप
तिल्ली दाने - 1 टेबलस्पून
हरी मिर्च - 2  (बारीक कटा हुआ)
हरा धनिया - 2 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
इमली - 1
हल्दी - 1/4 छोटी चम्मच
सांबर पाउडर - 1/2 चम्मच
नमक - स्वादानुसार
सरसों - 1/4 चम्मच
मीठा नीम (कढी पत्ता) - 4
तेल - 2 टेबलस्पून
हींग - चुटकी भर

विधि
  • इमली को आधा कप गरम पानी में लगभग 15 मिनट तक भीगने दें। अच्छी तरह से भीग जाने पर उसका गूदा निकाल कर अलग रख दें।
  • मूंगफली और तिल्ली दाने को गरम तवे पर हल्का भून लें और पीसकर बारी पाउडर बना लें।
  • हरी मिर्च, हरा धनिया, हल्दी, सांबर पाउडर, नमक, मूंगफली और तिल्ली दानों के पाउडर में इमली के गूदे को डालकर पेस्ट बना लें। इस प्रकार भरने का मटेरियल तैयार हो जायेगा।
  • भटों को धोकर उसमें चार चार चीरा लगायें। ड़ंठलों को निकाले नहीं।
  • भटों के भीतर भरने के मटेरियल को भटों के भीतर और बाहर अच्छी प्रकार से लगा दें।
  • पैन में तेल गरम करें। गरम हो जाने पर सरसों, मीठा नीम और हींग डाल दें।
  • फिर प्याज डालकर तब तक तलें जब तक कि तेल छोड़ने न लगे।
  • पानी डाल कर पकायें।
  • भरे हुए भटों को डालकर भटों के नरम होते तक पकने दें।
लीजिए तैयार है आपका भरवां भटे की सब्जी (Stuffed Brinjal Curry)!

मंगलवार, 6 जनवरी 2015

जीरा चावल - (Jeera/Zeera Rice)

जीरे की बघार देकर मसाले वाला चावल को जीरा चावल (Jeera/Zeera Rice) कहते हैं जो सिर्फ अचार के साथ भी अत्यन्त स्वादिष्ट लगता है।

जीरा चावल - (Jeera/Zeera Rice) बनाने का तरीका -

सामग्री - (Ingredients)

आपकी पसंद का चावल - 1 कप (वैसे अधिकतर लोगों की पसन्द बासमती चावल ही होता है।)
तेल - 2-3 बड़े चम्मच (आप चाहें तो तेल के स्थान पर देसी अथवा वनस्पति घी का इस्तेमाल कर सकते हैं।)
हरा धनिया - 2-3 बड़ा चम्मच (बारीक कटा हुआ)
जीरा - 1 छोटी चम्मच
नीबू - 1
1 बड़ी इलाइची
4 लौंग
7-8 काली मिर्च
1 इंच दाल चीनी का टुकड़ा
नमक - स्वादानुसार

विधि
  • चावल को धोकर साफ कीजिये और आधा पौन घंटे के लिए भीगने दें।
  • चावल के अच्छी तरह से भीग जाने पर अतिरिक्त पानी को निथारकर निकाल दें।
  • एक बर्तन में तेल या घी डालकर गर्म करें गरम हो जाने पर जीरा डालकर हल्का सा भूनें, (ध्यान रहे कि जीरा जलना नहीं चाहिये)।
  • दाल चीनी, लौंग, काली मिर्च और इलाइची डाल दें और हल्का सा भूनें।
  • मसाला भुन जाने पर भीगे हुये चावल डाल दें।
  • करछुल चलाकर चावल और मसालों को मिलाते हुए तथा लगातार चलाते हुए 2-3 मिनिट भूनें।
  • चावल के भुन जाने पर 2 कप पानी डाल दें। नमक भी डाल दें और उसमें नीबू का रस निचोड़ दें।
  • चम्मच से चलाकर अच्छी तरह से मिला लें और चावल के पूरी तरह से पकने तक पकने दें। बीच बीच में चम्मच चलाते रहें।
लीजिए जीरा चावल (Jeera/Zeera Rice) तैयार है। इसे ढँक कर 10-15 मिनट तक रखें, उसके बाद ही परसें।

चावल (Rice)


कम से कम भारत में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिनसे चावल (Rice) या उससे बने खाद्य सामग्री का प्रयोग न किया हो। चावल से हमारे देश में अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। चावल के डिशेस बनाने के बारे में बताने के पहले हम यहाँ पर कुछ रोचक जानकारी चावल के विषय प्रस्तुत कर रहे हैं।

चावल जहाँ बंगाल, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश आदि अनेक राज्यों का प्रमुख भोजन है वहीं पंजाब, हरयाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों, जहाँ का प्रमुख भोजन गेहूँ है, में भी चावल के बिना भोजन को अपूर्ण ही माना जाता है। यद्यपि आज बंगाल और बिहार राज्य भी चावल उगाने लगे हैं किन्तु कुछ दशक पूर्व तक इन दोनों राज्यों में छत्तीसगढ़ के द्वारा ही चावल की आपूर्ति हुआ करती थी क्योंकि छत्तीसगढ़ का मुख्य फसल चावल है और इसीलिए उसे "धान का कटोरा" के नाम से भी जाना जाता है। बहरहाल, चावल किसी राज्य का मुख्य भोजन हो या न हो, थोड़ी मात्रा में चावल खाना सभी राज्यों में पसन्द किया जाता है। यही कारण है कि समस्त भारत में चावल से बने खाद्य पदार्थ जैसे कि सादा राइस, मसाला राइस, राइस पुलाव, राइस बिरयानी इत्यादि आसानी के साथ उपलब्ध हो जाते हैं।
भारत में अत्यन्त प्राचीनकाल से ही चावल को महत्व दिया जाता रहा है। 'धान्य' के रूप में इसे साक्षात् लक्ष्मी ही कहा गया है। चावल के बगैर कोई भी पूजा सम्पन्न नहीं होती। दही और चावल का टीका लगाया जाता है। सुदामा ने कृष्ण को तंदुल अर्थात चावल ही भेंट किए थे। चावल को संस्कृत में 'अक्षत' के नाम से जाना जाता है।

एशिया के अनेकों देश ऐसे हैं जहाँ पर लोग औसतन दिन में दो से तीन बार तक चावल खाते हैं। म्यांमार में हर व्यक्ति प्रति वर्ष औसतन 195 किलो चावल खाता है जबकि कम्बोडिया और लाओस में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष औसतन 160 किलो चावल खाता है। एशिया की अपेक्षा अमेरिका और यूरोप के लोग चावल कम खाते हैं, अमेरिका में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष औसतन 7 किलो और यूरोप में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष औसतन 3 किलो चावल खाता है।

मानव ने सबसे पहले चावल की ही खेती की थी। हड़प्पा सभ्यता में, जो कि आज से लगभग पाँच हजार साल पुरानी है, चावल की खेती के प्रमाण मिले हैं।

किसी भी देश में उगने वाले चावल के अधिकतर भाग का उपभोग उसी देश में हो जाया करता है। यही कारण है कि विश्व के देशों में उगाए जाने वाले चावल का मात्र पाँच प्रतिशत ही निर्यात होता है। चावल का निर्यात करने में पहला नंबर है थाईलैंड का जो लगभग पचास लाख टन चावल का निर्यात करता है, दूसरे और तीसरे नंबर के चावल निर्यातक हैं अमेरिका और वियतनाम जहाँ से क्रमशः तीस लाख टन और बीस लाख टन चावल निर्यात होते हैं।

कहा जाता है कि संसार भर में धान की 1,40,000 से भी अधिक किस्में उगाई जाती हैं किन्तु शोधकर्ताओं के लिए बनाए गए अन्तर्राष्ट्रीय जीन बैंक में धान की लगभग 90000 किस्में ही जमा की जा सकी हैं। भारत में चावल की कुछ लोकप्रिय किस्में हैं - बासमती, गोविंद भोग, तुलसी भोग, तुलसी अमृत, बादशाह भोग, विष्णु भोग, जवाफूल, एच.एम.टी. इत्यादि।

धान की खेती करना अत्यन्त श्रमसाध्य कार्य है। पारम्परिक तरीके से धान बोने हेतु एक एकड़ खेत को तैयार करने के लिए किसान को कीचड़ से सनी मिट्टी पर हल तथा बैलों के साथ लगभग बत्तीस कि.मी. चलना पड़ता है। धान के पौधे रोपने के लिए कमर से नीचे झुक कर एक-एक पौधे को जमीन में लगानी होती है जो कि एक कमर तोड़ देने वाला कार्य है।  धान के फसल के लिए पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि धान की खेती पानी से लबालब भरे खेत में ही की जाती है।

धान का प्रत्येक हिस्सा उपयोगी होता है। धान की फसल काट लेने के बाद बचा हुआ पैरा मवेशियों को खिलाने के काम में आता है। धान के पैरे से रस्सी भी बनाई जाती है। धान के भूसे को उपलों के साथ मिला कर ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। धान से लाई और चिवड़ा बनाया जाता है। चावल को सड़ा कर शराब तथा बियर बनाई जाती है। चावल के दानों को रंग कर रंगोली बनाई जाती है। चावल की पालिश के समय निकले छिलकों से तेल निकाला जाता है जिसे खाद्य तेल के रूप में तथा साबुन, सौन्दर्य सामग्री इत्यादि बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

सोमवार, 5 जनवरी 2015

स्टफ्ड टोमैटो याने कि भरवां टमाटर (Stuffed Tomato)


भरवां टमाटर (Stuffed Tomato) एक अत्यन्त स्वादिष्ट सब्जी है जो खाने की थाली में चार चांद लगा देती है।

भरवाँ टमाटर (Stuffed Tomato) बनाने का तरीका -

सामग्री - (Ingredients)

मध्यम आकार के टमाटर - 8-10
पनीर - 100 ग्राम
उबला हुआ आलू - 2 (वैसे यह जरूरी नहीं है, केवल आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि इसे डालें या नहीं।)
हरी मिर्च - 1 (बारीक कतरी हुई)
अदरक - 1 इंच लम्बा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
नमक - स्वादानुसार
लाल मिर्च - चौथाई छोटी चम्मच से
गरम मसाला - चौथाई छोटी चम्मच से या उससे कुछ कम
काजू - 10-12 (टुकड़े किये हुए)
किसमिस - 15-20
हरा धनिया - 2 बड़े चम्मच (बारीक कतरा हुआ)
जीरा - चौथाई छोटी चम्मच
तेल - 2 बड़े चम्मच

विधि
  • टमाटर को अच्छी तरह से धोकर चाकू की सहायता से ऊपर की ओर इस प्रकार से काटिये कि टमाटर का ऊपरी हिस्सा छोटा सा ढक्कन जैसा खुल जाए। इस ढक्कन को एक प्लेट में रख लें।
  • चाकू की सहायता से टमाटर के अन्दर से उसके गूदे को निकाल कर उसके ढक्कन के साथ रख दें। टमाटर के गूदे को भी एक प्लेट में सम्भाल कर रखें।
  • पनीर को कद्दूकस कर लें और आलू को उबालने के बाद छिलका निकाल कर मैश करके पनीर के साथ अच्छी तरह से मिला दें।
  • पनीर और आलू के इस मिश्रण में एक चम्चे तेल, नमक,  लाल मिर्च,  गरम मसाला, हरा धनिया, काजू और किसमिस मिला दें।
  • कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच तेल डाल कर गरम करें, जीरा डाल कर उसके भूरा रंग होते तक तलें।
  • अब कढाई में हरी मिर्च, अदरक और वो टमाटर के गूदे को डालकर पकाइये और गाढ़ा हो जाने पर उसमें पनीर तथा आलू के मिश्रण को डाल कर चलाते हुए कुछ देर और पकाएँ। इस प्रकार टमाटर में भरने का मसाला तैयार हो जाएगा।
  • खोखले टमाटरों में इस मसाले को भरकर टमाटरों उन्हें उनके ढक्कनों से बन्द दें।
  • इन टमाटरों को एक भारी तले वाली कढ़ाई में रखकर उनके ऊपर थोड़ा सा नमक और एक बड़ा चम्मच तेल डालें तथा ढँक कर धीमी आँच में पकने दें। 3-4 मिनट बाद सावधानीपूर्वक चिमटे की सहायता से टमाटरों को पलटें।
  • टमाटरों के नरम होने तक धीमी आँच में ही पकने दें।
आपका स्टफ्ड टोमैटो याने कि भरवां टमाटर (Stuffed Tomato) तैयार हैं!

पनीर बटर मसाला (Paneer Butter Masala)


आजकल पनीर (Paneer) से बनी वस्तुओं का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ते जा रहा है। भारत के प्रायः भोजनालयों में पनीर बटर मसाला (Paneer Butter Masala) काफी लोकप्रिय आइटम है।

यहाँ पर हम आपको बता रहे हैं पनीर बटर मसाला (Paneer Butter Masala) बनाने का तरीका

सामग्री - (Ingredients)

पनीर - 250 ग्राम
काजू - 10 पीस साबुत
खसखस दाना - 2 चम्मच
मगद बीजा - पाव कप
प्याज - 3 मध्यम आकार के, मोटे टुकड़ों में कटे हुए
टमाटर - 3 मध्यम आकार के
हरी मिर्च - 1-2
अदरक - 1 इंच टुकड़ा
लहसुन - 3-4 कली
क्रीम - आधा कप
मक्खन - 2 टेबल स्पून
हरा धनिया - 2 टेबल स्पून बारीक कटी हुई
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 चम्मच
हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
धनिया पाउडर - 1 छोटी चम्मच
कसूरी मेथी - 1 छोटी चम्मच
नमक - स्वादानुसार
गरम मसाला - 1/4 छोटी चम्मच
जीरा पाउडर - आधा छोटी चम्मच
तेल -  2 बड़े चम्मच

विधि
  • काजू, खसखस और मगद बीजा को गरम पानी में लगभग 2 घंटे तक भीगने के लिए रख दें।
  • पनीर के टुकड़े काट कर उन्हें मक्खन में हल्के से तल लें।
  • टमाटर, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, भीगे हुए काजू खसखस और मगद बीजा को अच्छी तरह से धोकर मिक्सी में चलाकर पेस्ट बना लें।
  • कढ़ाई गैस पर रखकर गरम करें और उसमें तेल डाल दें।
  • तेल के उपयुक्त रूप से गरम हो जाने पर जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर डालकर हल्का सा भूनें।
  • इस मसाले में लाल मिर्च पाउडर और कसूरी मैथी भी डाल दें।
  • अब इसमें पीसे गए मसाले के पेस्ट को तब तक भूनें जब तक कि वह तेल छोड़ने न लगे।
  • भुने मसाले में क्रीम, गरम मसाला, हरा धनिया और नमक भी डाल दें।
  • ग्रेवी में आधा कप पानी डालें और चलाते हुये तब तक पकायें जब तक कि ग्रेवी में उबाल न आ जाये।
  • ग्रेवी में उबाल आने पर पनीर के टुकड़े डालकर मिक्स कर दीजिये तथा सब्जी को ढककर के धीमी आग पर 3-4 मिनिट तक पकने दें।
  • 3-4 मिनट बाद सब्जी को खोलिये. बचा हुआ मक्खन भी सब्जी में डाल दें।
लीजिए तैयार हो गई आपकी पनीर बटर मसाला (Paneer Butter Masala) सब्जी!

हिन्दुस्तानी खाने में इस्तेमाल किये जाने वाले मसाले (Spices)


हिन्दुस्तानी खाने की सबसे बड़ी विशेषता है उसका मसालेदार होना। मसाले ही भारतीय भोजन को स्वाद और सुगन्ध का संगम बनाते हैं। यहाँ पर हम हिन्दुस्तानी खानों में इस्तेमाल किये जाने वाले मसालों (Spices) का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

जीरा (Cumin seeds)

जीरा भी भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण मसाला है और इसका प्रयोग प्रायः सभी शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों में किया जाता है।

धनिया बीज या पाउडर (Coriander seeds or powder)

धनिया बीज या पाउडर हिन्दुस्तानी खाने का एक महत्वपूर्ण मसाला है और इसका प्रयोग प्रायः सभी शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों में किया जाता है।

मेथी (Fenugreek seeds)

मेथी भी स्वाद में कसैला होता है किन्तु तेल में तल जाने पर यह व्यंजनों को विशिष्ट स्वाद और सुगन्ध प्रदान करता है। मेथी का प्रयोग उसके सूखे पत्तो और बीजों दोनों ही रूप में किया जाता है। मेथी की हरी पत्तियों की अत्यन्त स्वादिष्ट सब्जी बनती है।

सौंफ (Fennel)

सौंफ का अपना एक विशिष्ट स्वाद और सुगन्ध होता है जो कि व्यंजन के साथ मिलकर उसे अत्यन्त स्वादिष्ट और सुगन्धित बनाते है।

हींग (Asafetida)

प्रायः दालों तथा अन्य अनेक शाकाहारी व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए हींग का प्रयोग किया जाता है। तेल में तले जाने के पहले हींग तीक्ष्ण अप्रिय गंध देता है, किन्तु तले जाने के बाद इसका गंध हल्का और प्रिय हो जाता है।

तेज पत्ता (Bay Leaf)

तेज पत्ता का प्रयोग प्रायः सभी मसालेदार सब्जीयों, चाहे वह शाकाहारी हो या मांसाहारी, को बनाने के लिए किया जाता है। यह हल्के हरे रंग का पत्ता होता है जो कि तेल में तल जाने के बाद हल्का भूरा हो जाता है। तेज पत्ता सब्जियों को एक विशिष्ट सुगन्ध देता है।
   
काली मिर्च (Black pepper)

काली मिर्च का प्रयोग खाने को स्वादिष्ट एवं सुगन्धित बनाने के लिए किया जाता है। काली मिर्च एक आयुर्वेदिक औषधि भी है।

बड़ी इलाइची या इलायचा (Black Cardamoms)

बड़ी इलाइची या इलायचा का स्वाद कुछ कसैला होता है किन्तु तेल में तल जाने के बाद यह अपना एक विशिष्ट सुगन्ध प्रदान करता है।

अजवाइन (Carom seeds)

अजवाइन का प्रयोग भी भोजन को एक विशेष सुगन्ध देने के लिए किया जाता है। अजवाइन अत्यन्त कसैला होता है, अतः इसे बहुत कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है।

दालचीनी (Cinnamon)

दालचीनी का प्रयोग भी खाने को विशेष स्वाद और सुगन्ध प्रदान करने के लिए किया जाता है।

लौंग (Cloves)

लौंग अत्यन्त चरपरा होता है और खाने में चरपरापन लाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

अदरक लहसुन पेस्ट (Ginger Garlic paste)

अदरक लहसुन पेस्ट प्रायः सभी शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों के लिए एक महत्वपूर्ण मसाला है जो कि तेल में भुनकर हल्का भूरा हो जाता है और व्यंजन को स्वादिष्ट और सुगन्धित बनाता है।

गरम मसाला (Garam masala)

गरम मसाला अनेक मसालों का मिश्रण होता है और व्यंजन पक जाने के बाद इसकी थोड़ी सी मात्रा व्यंजन में उसे और भी स्वादिष्ट और सुगन्धित बनाने के लिए डाली जाती है।

अमचूर (Mango powder)

अमचूर कच्चे आमों को सुखाने के बाद उसे पीस कर बनाया हुआ पाउडर होता है जिसका प्रयोग खाने में खटास लाने के लिए किया जाता है।

सरसों या राई (Sarson or Rai):

सरसों का अपना एक अलग विशिष्ट सुगन्ध होता है जो तेल में तले जाने के बाद व्यंजन को अपना सुगन्ध व स्वाद दे देता है।

खसखस (Poppy seeds)

ग्रेव्ही को गाढ़ा और स्वादिष्ट बनाने के लिए खसखस के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।

हल्दी पाउडर (Turmeric powder)

हल्दी पाउडर का प्रयोग व्यंजन को कस्तूरी गंध और आकर्षक रंग प्रदान करने के लिए किया जाता है।

हरी मिर्च (Green chilies)

व्यंजनों में चरपरापन लाने के लिए हरी मिर्च का प्रयोग किया जाता है।

ढाबा स्टाइल दाल तड़का (Dhaba style Dal Tadka)


ढाबा स्टाइल दाल तड़का (Dhaba style Dal Tadka) बनाने का तरीका -

सामग्री - (Ingredients)

अरहर (तुअर) दाल - 1 कप
टमाटर - 2 बारीक कटा हुआ
प्याज - 1 बारीक कटा हुआ
हरी मिर्च - 2 बारीक कटा हुआ
जीरा - 1/2 चम्मच
देसी घी या मक्खन - 1 टेबल स्पून
हींग - चुटकी भर
पिसी हल्दी - 1 छोटी चम्मच
पिसी लाल मिर्च - 1/4 चम्मच
गरम मसाला - 1/2 चम्मच
धनिया पाउडर - 1 ½ चम्मच
नमक - स्वादानुसार

विधि
  •  दाल को धोकर 15-20 तक पानी में भीगने दें।
  • दाल भीग जाने पर उसमें हल्दी और नमक डालकर प्रेसर कूकर में 2-3 सीटी तक पकायें।
  • कड़ाही में घी या मक्खन को गरम करें और पर्याप्त गरम हो जाने पर उसमें जीरा तथा हींग डालें।
  • जीरा तड़क जाने पर हरी मिर्च और प्याज डालकर सुनहरा होते तक भूनें।
  • टमाटर डालकर टमाटर नरम होने तक पकायें।
  • मिसी लाल मिर्च, धनिया पाउडर और गरम मसाला डाल दें।
  • पके दाल को डाल कर अपने हिसाब से पानी डालकर कुछ देर पकायें।
  • पक जाने पर दाल अलग रख दें और तड़का के लिए एक छोटी कड़ाही में देसी घी या मक्खन डालें।
  • पर्याप्त गरम हो जाने पर उसमें जीरा और लाल मिर्च पाउडर डाल कर तड़कायें।
  • तड़के को दाल में डाल कर मिला लें।
लीजिए तैयार है आपका ढाबा स्टाइल दाल तड़का (Dhaba style Dal Tadka)!

दाल फ्राई (Dal Fry recipe in Hindi)


खाने के स्वाद को लजीज बनाने वाला दाल फ्राई (Dal Fry) उत्तर भारत का एक लोकप्रिय व्यञ्जन है।

दाल फ्राई (Dal Fry) बनाने का तरीका

सामग्री - (Ingredients)

धुली हुई मूंग दाल - 1/4 कप
अरहर (तूअर) दाल - 1/4 कप
चना दाल - 1/8 कप
मसूर दाल - 1/8 कप
मक्खन - 4 टेबलस्पून
जीरा - 2 चम्मच
हींग - चुटकी भर
हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच
धनिया पाउडर - 1/2 चम्मच
गरम मसाला - 1/2 चम्मच
नमक - स्वादानुसार
टमाटर - 1 (बारीक कटा हुआ)
प्याज - 1 (बारीक कटा हुआ)
अदरक-लहसुन पेस्ट- 1 चम्मच
हरा धनिया - 2 चम्मच (बारीक कतरा हुआ)

विधि

  • सभी दालों को मिलाकर अच्छी तरह से धो लें और 3 कप पानी डालकर आधे घंटे तक भीगने दें।
  • पानी निथार कर भीगे दालों को हल्दी पाउडर और दो कप पानी डालकर प्रेसर कूकर 4-5 सीटी तक में पकायें। दाल पक जाने पर दाल की सुगंध फैलने लगेगी।
  • फ्राई पैन में मक्खन गरम करें, पर्याप्त गरम हो जाने पर जीरा तड़काएँ और हींग डाल दें।
  • प्याज डाल कर मध्यम आँच में हल्का सा तलें। प्याज के थोड़ा भुन जाने पर अदरक-लहसुन पेस्ट और मिर्च डाल हल्का भूरा हो जाने तक पकायें।
  • टमाटर डाल कर एकाध मिनट तक पकायें ताकि टमाटर नरम हो जाये।
  • धनिया पाउडर, गरम मसाला, हल्दी पाउडर नमक और थोड़ा पानी डालकर 4-5 मिनट तक पकायें।
  • पके हुए दाल को डालकर अच्छी तरह से मिलायें।
लीजिए तैयार है आपका दाल फ्राई (Dal Fry)! धनिया पत्ती से सजा कर रोटी या चावल के साथ गरम गरम परसें।

रविवार, 4 जनवरी 2015

दालें (Lentils)


दालें हिन्दुस्तानी खाने का एक आवश्यक और लोकप्रिय अंग हैं। ये खाने में स्वादिष्ट होती हैं। भारत में प्रायः चावल दाल के साथ ही खाया जाता है। पश्चिमी देशों में जो महत्व सूप का है भारत में वही महत्व दालों का है। जहाँ दालों में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है, वहीं वसा याने कि फैट की मात्रा बहुत कम। दाल का महत्व हमारे देश में इतना अधिक है कि "दाल-रोटी चलना" जीवनयापन का पर्यायवाची बन गया है। उत्तर भारत में खाने में रोटी और चावल के साथ दाल और हरी सब्जी परोसने का चलन है तो दक्षिण भारत में दाल को सांबर के रूप में प्रयोग किया जाता है, और यह तो आप जानते ही हैं कि दक्षिण भारत में चावल को सांबर के साथ ही खाने का प्रचलन है। कहने का लब्बो लुआब यह है कि हिन्दुस्तान में दाल के बिना खाने की कल्पना ही नहीं की जा सकती।

हमारे देश में अनेक प्रकार के दालों का प्रयोग होता है जैसे कि उड़द दाल, मूंग दाल, तुअर दाल, मसूर दाल, चना दाल आदि आदि इत्यादि। दाल बनाने की विधियाँ भी अनेक हैं। कहीं दाल को एकदम पतला बनाया जाता है तो कहीं गाढ़ा। दाल को चाहे जिस प्रकार से भी बनाया जाये, पर दाल बनाने की विधियाँ बहुत सरल होती हैं। सर्वाधिक रूप से दाल को हल्दी और नमक डाल कर पानी में उबाल कर बनाया जाता है। हाँ दालों को पकने में समय कुछ अधिक ही लगता है, इसलिए दालों को प्रेसर कुकर में पकाने का प्रचलन अधिक है।

यदि दाल को बगैर प्रेसर कुकर के बनाना है तो इन बातों का ध्यान रखें -
  • दाल को कुछ घंटों तक भीगने के लिए रख दें ताकि वह जल्दी पके।
  •  दाल के पक जाने के बाद ही उसमें नमक डालें, पहले नमक डाल देने पर दाल देर से पकता है।

  • दाल पकते समय जो झाग निकलता है, उसे करछुल की सहायता से अलग कर के फेंक दें, अन्यथा वह झाग नीचे गिरकर आपके चूल्हे को बर्बाद कर सकता है।

  • दाल पकाते समय जरा सा तेल डाल देने से झाग कम निकलता है।
  • एक उबाल आ जाने के बाद आँच को कम करके दाल को मध्यम आँच में पकायें।

आपका रसोईघर (Your Kitchen)

रसोईघर (Kitchen) एक ऐसा स्थान है जिसे घर में, मन्दिर से भी ज्यादा, पवित्र माना जाता है। किसी भी गृहणी का अधिक से अधिक समय रसोईघर (Kitchen) में ही व्यतीत होता है।

तो आपका यह कर्तव्य बनता है कि आप रसोईघर (Kitchen) जैसे पवित्र स्थान को हमेशा साफ सुथरा और सुविधाजनक बनाये रखें।

रसोईघर (Kitchen) को साफ सुथरा रखने के लिए नीचे कुछ टिप्स दिये जा रहे हैं -

किचन के कैबिनेट्स से फालतू चीजें हटा दे

पहली बात तो यह है कि रसोईघर (Kitchen) के केबिनेट्स में आप सभी चीजें सही स्थान में रखें और जो भी सामान पुराना होकर बेकार हो गया हो उसे केबिनेट्स से हटा दें। ऐसा करने से खाना बनाते वक्त आपको किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और आपका समय भी बचेगा।

रसोईघर (Kitchen) केबिनेट्स में सामानों को समूह बना कर रखें

जरा सोचिये कि एक केबिनेट में जीरा के साथ दाल है तो दूसरे में लहसुन के साथ चावल। अब जब आप सब्जी छौंकती हैं तो उस समय जीरा और लहसुन का काम तो पड़ता है पर दाल और चावल का कुछ भी काम नहीं पड़ता। तो क्यों न आप अपने सामानों को रसोईघर (Kitchen) केबिनेट्स में समूह बना कर, जैसे कि मसालों के सामान को एक जगह और दाल चावल को एक अलग जगह, रखें जिससे जब आपको जिस चीज की आवश्यकता पड़े वह चीज तत्काल आपको मिल जाये।

रसोईघर (Kitchen) को हमेशा सुव्यवस्थित रखें

"प्रत्येक वस्तु के लिए एक निर्धारित स्थान होता है और प्रत्येक स्थान के लिए एक निर्धारित वस्तु होती है।" आप अपने रसोईघर बर्तन भाड़े, मिक्सर ग्राइंडर आदि वस्तुओं को सही स्थान पर रखें जिससे कि किचन सुव्यस्थित रहे और साथ ही आपको कभी भी किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

सामान रखने डिब्बों, पीपों, बर्तनों को साफ सुथरा रखें

अनेक बार होता यह है कि किचन में सामान रखने डिब्बों, पीपों, बर्तनों की साफ-सफाई करने को हम भूलवश या लापरवाहीवश कर नहीं पाते। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी नियमित साफ-सफाई अत्यन्त आवश्यक है।

रसोईघर के सामानों को खुला न रखें

रसोईघर के सभी सामानों को उचित रूप से ढँक कर रखना अति आवश्यक है।

फिज की नियमित सफाई करें

ट्रैश की सफाई के लिए ट्रैश बैग्स का इस्तेमाल करें। फ्रिज को नियमित रूप से डि्फ्रास्ट करें।

गैस चूल्हे और गैस सिलिंडर को उचित तरीके से बंद करें

गैस चूल्हे का काम हो जाने के बाद प्रायः हम चूल्हे को ही बंद करते हैं और सिलिंडर को बंद करना भूल जाते हैं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। बंद करते समय पहले सिलिंडर को बंद करें और उसके बाद ही चूल्हे को बंद करें।